देहरादून (डॉ बिलाल अंसारी) : उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सोमवार को आग की लपटों को और फैलने से नियंत्रित करने और आगे इससे होने वाले नुकसान को कम करने के उद्देश्य से कई उपायों की घोषणा की। मुख्या सचिव ने राज्य भर में आग की घटनाओं के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जंगल में आग लगने की घटनाएं बढ़ गई हैं।
आग की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर आग बुझाने के प्रयासों में सहायता के लिए भारतीय वायु सेना (आईएएफ) को बुलाया गया है। इसके अलावा प्रभावित क्षेत्रों में वर्षा को प्रेरित करने के लिए एक पायलट क्लाउड सीडिंग परियोजना को लागू करने की योजना पर काम चल रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक दिन पहले बैठक की थी। उनके निर्देशों के पालन के लिए वन विभाग को सूचित कर दिया गया है।
वन विभाग ने प्रत्येक जिले की जिम्मेदारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी है। उन्होंने कहा कि पौड़ी गढ़वाल को सबसे खराब स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए डीएम पौड़ी को भी निर्देश दिया गया। इसके लिए डीएम पौड़ी ने भी एयरफोर्स से बात की है। भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर अब श्रीनगर से पानी ले जा रहे हैं और प्रभावित क्षेत्र पर छिड़काव कर रहे हैं।
मुख्य सचिव ने बताया कि सरकार इस तकनीक को उत्तराखंड में लागू करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट की योजना बना रही है, जिसकी शुरुआत पौड़ी जिले से होगी। हम एक नया प्रोजेक्ट भी ला रहे हैं। आईआईटी कानपुर ने क्लाउड सीडिंग का प्रयोग किया है। हमारी कोशिश है कि उत्तराखंड में भी क्लाउड सीडिंग (कृत्रिम-वर्षा) के जरिए बारिश हो ताकि जंगलों की आग पर काबू पाया जा सके। उन्होंने कहा कि हमने इस संबंध में मुख्य मंत्री से भी बात की है और वह पौड़ी से एक पायलट प्रोजेक्ट के लिए सहमत हो गए हैं।
सीएम ने पराली न जलाने के निर्देश भी दिए हैं और इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और जुर्माना लगाया जाएगा।
बता दें कि पिछले दो दिनों से इलाके के जंगलों में भीषण आग लगी हुई है, जिससे हजारों हेक्टेयर जंगल जलकर राख हो गए। वहीं प्रसिद्ध दूनागिरी मंदिर क्षेत्र के रास्ते में पड़ने वाले कुछ हिस्सों में भी आग लग गई, जिसके बाद स्थानीय लोगों और वन विभाग के कर्मचारियों की मदद से आग पर काबू पाया गया।
वायु सेना ने पौड़ी और रुद्रप्रयाग के जंगलो में MI -17 हेलीकॉप्टर की मदद से आग बुझाने का कार्य शुरू कर दिया है। देखना ये है कि वायु सेना कब तक जंगलो में लगी आग से छुटकारा दिला पायेगी …