देहरादून : देहरादून शहर को स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद में अतिक्रमण हटाने गई नगर निगम की टीम के साथ कुछ लोगों ने धक्का मुक्की कर दी। इसके बाद वहां पर जमकर बवाल हुआ और मौके पर अफरा तफरी मच गई।
अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत दूसरे दिन यातायात अधीक्षक सर्वेश पंवार नगर निगम के उप नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल एंव कर अधीक्षक राहुल कंथोला की टीमों ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई घंटाघर से राजपुर रोड, घंटाघर से कनक चौक, परेड ग्राउंड से सर्वे चौक तक जारी रखी। इसके बाद टीम पलटन बाजार पहुंची। वहांं जमकर बवाल हुआ तो मौके पर अफरा तफरी मच गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शहर की सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए उतरी पुलिस व जिला प्रशासन की टीम को जगह-जगह विरोध का सामना करना पड़ा। रविवार को पलटन बाजार में अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंची टीम के साथ कुछ व्यापारियों ने धक्का-मुक्की तक कर दी। यही नहीं, जब्त किया हुआ सामान भी ट्रैक्टर-ट्राली पर चढ़कर उतारने का प्रयास किया। हालांकि, विरोध को दरकिनार करते हुए टीम ने अतिक्रमण हटाकर काफी सामान जब्त भी किया।
जिलाधिकारी सोनिका ने सभी व्यापारियों से अपील की है कि वह अपना सामान फुटपाथ एवं सड़कों पर न लगाएं। शहर को सुंदर सुव्यवस्थित रखने में जिला प्रशासन का सहयोग करें। उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिस स्थान से अतिक्रमण हटाया गया है, वहां दोबारा अतिक्रमण न होने दें। ऐसा करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करें।
अभियान के दूसरे दिन नगर निगम ने 33 चालान करते हुए 28,650 जुर्माना वसूला। वहीं, पुलिस टीम ने 40 चालान करते हुए 18 हजार रुपये का जुर्माना, जबकि आरटीओ ने 20 चालान करते हुए 10 हजार रुपये का जुर्माना वसूला। एसएसपी अजय सिंह ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि अतिक्रमण के विरुद्ध नियमित अभियान चलाते हुए फुटपाथ को अतिक्रमण मुक्त करें तथा किसी भी दशा में उन्हें दोबारा अतिक्रमण न करने दें।
पलटन बाजार को सुंदर बनाने के लिए प्रशासन ने यहां फुटपाथ बनाए थे, लेकिन दुकानदारों ने अपनी दुकान की आगे फुटपाथ की जगह किराये पर दे दी। यहां व्यापारी फड़ और रेहड़ियां लगा रहे हैं। ऐसे में राहगीर फुटपाथ की जगह सड़क पर चलते हैं तो यातायात जाम हो जाता है। कई जगह फुटपाथ पर दोपहिया वाहन खड़े किए जा रहे हैं। वहीं कुछ दुकानदारों ने दुकानों के बाहर रिंग भी लगाई है। जब पुलिस यहां कार्रवाई के लिए जाती है तो दुकानदार रिंग को अंदर छिपा लेते हैं और पुलिस के जाते ही दोबारा रिंग लगा देते हैं।