उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल का लगभग 50 मीटर हिस्सा धंस गया है। जिसके मलबे में 41 मजदूर जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं। राहत-बचाव टीम द्वारा मलबे में दबे मजदूरों को पाइप द्वारा ऑक्सीजन भेजी जा रही है।
उत्तरकाशी की टनल का निर्माण ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट का हिस्सा है जिसकी लंबाई 4.5 किलोमीटर है इसमें से 4 किलोमीटर सुरंग का निर्माण लगभग पूर्ण हो चुका है प्रोजेक्ट में देरी होने के कारण टनल निर्माण कार्य को मार्च 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। टनल का निर्माण ब्रह्मखाल यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिल्क्यारा से डंडालगांव तक नवयुगा कंपनी द्वारा किया जा रहा है।
अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। रेस्क्यू टीम द्वारा बचाव कार्य जारी है।
बताया जा रहा है कि हादसा भूस्खलन के कारण हुआ। जिला प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक मजदूरों को बाहर निकालने में दो से तीन दिन तक का समय लग सकता है। उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि टनल के अंदर फंसे सभी मजदूर सुरक्षित हैं। उनके पास ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध है। एक ऑक्सीजन पाइप भी टनल के अंदर पहुंचा दिया गया है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के नेतृत्व में पुलिस एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, फायर सर्विस, 108 इमरजेंसी सेवा के बचाव कर्मी बचाव एवं राहत कार्यों में जुटे हुए हैं। सुरंग से मलबा हटाने के लिए ड्रिल मशीन का प्रबंध किया गया है। निर्माणाधीन टनल में कार्यदाई संस्था एनएचआईडीसीएल की मशीनरी भी मलवा हटाने का कार्य कर रही है। टनल के बाहर पांच एंबुलेंस तैनात हैं। ताकि जरूरत पड़ने पर बिना देर किए मजदूरों को उपचार मिल सके। सुरंग में जो मजदूर काम कर रहे थे वे मुख्य द्वार से लगभग 2800 मी अंदर हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन के द्वारा उत्तरकाशी हादसे की जानकारी ली। मुख्यमंत्री धामी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए संचालित बचाव कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। इसके अलावा भारत सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों को राहत और बचाव कार्यों में सहयोग करने हेतु निर्देश भी दिए गए हैं।