उत्तरकाशी जिले में सोमवार को मौसम ने करवट बदली, जिससे ऊंचाई वाले इलाकों में सीजन की दूसरी बर्फबारी हुई। गंगोत्री, यमुनोत्री और हर्षिल घाटी सहित सीमांत क्षेत्र मोरी के पर्यटन स्थलों ने सफेद बर्फ की चादर ओढ़ ली। बर्फबारी के इस अद्भुत नजारे ने पर्यटकों को रोमांचित कर दिया है।
गंगोत्री धाम, हर्षिल, मुखबा, बगोरी और झाला जैसे गांवों में दोपहर के बाद शुरू हुई बर्फबारी से पहाड़ और घाटियां बर्फ से ढक गईं। इस बर्फबारी ने न केवल पर्यटकों के लिए आकर्षण बढ़ाया है, बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ा दिए हैं।
पर्यटकों में उत्साह, बर्फबारी का आनंद लेने पहुंचे सैलानी
सीजन की दूसरी बर्फबारी ने हर्षिल घाटी के पर्यटन को नई ऊंचाइयां दी हैं। सोमवार को मौसम खराब रहने के बावजूद, जैसे ही बर्फबारी शुरू हुई, पर्यटकों ने इन इलाकों का रुख करना शुरू कर दिया। हरकीदून, केदारकांठा, भराड़सर और देवक्यार जैसे लोकप्रिय स्थलों में भी बर्फबारी के चलते सैलानियों की भीड़ बढ़ गई है।
हर्षिल निवासी भागेश अवस्थी ने बताया कि दोपहर से शुरू हुई बर्फबारी ने पर्यटकों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है। स्थानीय लोग और पर्यटक इस मनोरम दृश्य का भरपूर आनंद उठा रहे हैं। क्षेत्र के कई होटल और गेस्ट हाउस भी पर्यटकों से भरे हुए हैं, जिससे स्थानीय व्यवसायियों को राहत मिली है।
बर्फबारी से ठंड का बढ़ा असर, जीवन प्रभावित
बर्फबारी के कारण जिले के निचले इलाकों में ठंड बढ़ गई है। गंगोत्री धाम और आसपास के क्षेत्रों में रात का तापमान माइनस पांच से माइनस पन्द्रह डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। ठंड से बचने के लिए स्थानीय लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं। वहीं, ठंड के चलते बाजारों में गर्म कपड़ों और लकड़ी की मांग बढ़ गई है।
पर्यटन उद्योग में तेजी, रोजगार के नए अवसर
पर्यटन कारोबारी चैन सिंह रावत ने बताया कि बर्फबारी के चलते पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलने लगे हैं। होटल, रेस्टोरेंट और गाइड सेवाओं में भी तेजी देखी जा रही है। बर्फबारी के इस दौर ने पर्यटन उद्योग को एक नई ऊर्जा दी है।
हर्षिल घाटी, गंगोत्री और यमुनोत्री के अलावा मोरी से सटे क्षेत्रों में भी पर्यटक उमड़ रहे हैं। हिमपात का यह दौर न केवल सैलानियों को आकर्षित कर रहा है, बल्कि स्थानीय बागवानी के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है।
प्राकृतिक सौंदर्य से सराबोर हर्षिल घाटी
हर्षिल घाटी इस समय पूरी तरह से बर्फ से ढकी हुई है, और इसका प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर रहा है। यहां के बर्फीले रास्ते और पेड़ों पर जमी हुई बर्फ की परतें तस्वीरों में कैद करने लायक दृश्य पेश कर रही हैं। पर्यटकों ने स्नोमैन बनाते हुए और बर्फबारी का लुत्फ उठाते हुए अपनी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करना शुरू कर दिया है।
स्थानीय लोगों के लिए कठिनाई और अवसर का समय
हालांकि बर्फबारी ने पर्यटकों के लिए रोमांचक माहौल बनाया है, लेकिन स्थानीय लोगों को ठंड और मुश्किल हालातों का सामना करना पड़ रहा है। ठंड के कारण ग्रामीण इलाकों में बिजली और पानी की आपूर्ति में बाधाएं उत्पन्न हो रही हैं। बावजूद इसके, लोग इस बर्फबारी को प्रकृति का वरदान मानते हुए इसे पर्यटन और रोजगार के लिए शुभ संकेत मान रहे हैं।
यह बर्फबारी उत्तरकाशी के पर्यटन और स्थानीय व्यापार को नई दिशा देने के साथ-साथ पर्यावरण प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक यादगार अनुभव बन गई है।