सहसपुर क्षेत्र में गैस डिलीवरी वाहन चालक से लूट की घटना निकली फर्जी, झूठी रिपोर्ट लिखवाने पर हुई कार्रवाई

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सहसपुर (बिलाल अंसारी) :-
गैस सिलिंडर वितरण के क्षेत्र को लेकर चालक तथा प्रतिवादियों के बीच रंजिश चल रही थी , जिसके चलते चालक द्वारा लूट की फर्जी रिपोर्ट लिखवाई गयी थी। घटना संदिग्ध लगने पर एसएसपी देहरादून सभी पहलुओं की गहनता से जांच के निर्देश दिये थे । बीती 30 नवंबर को नीरज कुमार पुत्र अमर सिंह निवासी ग्राम नंबरपुर जामुनखाता पोस्ट जस्सोवाला थाना सहसपुर देहरादून द्वारा थाना सहसपुर पर एक लिखित प्रार्थना पत्र दिया कि वह गैस सिलिंडर डिलीवरी का काम करता है तथा उससे कुछ अज्ञात लोगों द्वारा रास्ता रोककर गाली गलोच व मारपीट करते हुए उससे 25000/- रू0 लूट लिये तथा उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। प्रार्थना पत्र के आधार पर थाना सहसपुर पर मु0अ0सं0 343/24 धारा 115(2)/126/309(4)/351(2)/351(3)/352 बीएनएस पंजीकृत किया गया।

घटना की प्रारंभिक विवेचना में उक्त तथ्यों में संदिग्धता प्रतीत होने पर एसएसपी देहरादून अजय सिंह द्वारा घटना के सभी पहलुओं की गहनता से जांच करने के निर्देश दिए गए,  जिस  पर पुलिस टीम द्वारा घटना के सभी पहलुओं की गहनता से जांच करते हुए प्रकाश में आए व्यक्तियों कपिल ठाकुर (उम्र 18 वर्ष) पुत्र राजेंद्र ठाकुर निवासी चंद्रमणी चोयला थाना पटेल नगर देहरादून , अंशु ठाकुर (उम्र 19 वर्ष) पुत्र राजेंद्र ठाकुर निवासी उपरोक्त , मुकेश कुमार (उम्र 18 वर्ष) पुत्र राजकुमार निवासी छोटा भारूवाला ऑस्ला लाइन थाना क्लेमेंटटाउन देहरादून एवं  रंजन कुमार (उम्र 18 वर्ष)  पुत्र लखविंदर राम निवासी क्लेमेंटाउन छोटा भारुवाला सौरभ थापा  (उम्र 18 वर्ष) पुत्र संजय थापा निवासी चंद्रमणी चोयला थाना पटेल नगर देहरादून और नूर आफताब पुत्र उस्मान अहमद निवासी सी-24 क्लेमटाउन टर्नर रोड पठान मोहल्ला मूल पता ग्राम कैलाशपुर थाना गागलहेड़ी सहारनपुर उत्तर प्रदेश को थाने लाकर पूछताछ की गई तो प्रकाश में आया कि पूर्व मे अभियुक्तगण कपिल व अंशु के पिता के साथ नीरज कुमार द्वारा गैस सिलेण्डर की सप्लाई के क्षेत्र को लेकर मारपीट की थी। जिस कारण कपिल व अंशु द्वारा अपने पिताजी की बेइज्जती का बदला लेने के लिए अपने दोस्तो के साथ मिलकर वादी के साथ मारपीट की गई थी, जिसके चलते वादी द्वारा उन्हें सबक सिखाने के लिये घटना को बढा चढाकर लूट की झूठी सूचना थाने में दर्ज कराई गई।

साथ ही विवेचना के दौरान यह तथ्य भी प्रकाश मे आये कि वादी ने जिस धनराशि को अभियुक्तगणो द्वारा लूटना बताया गया था वह धनराशि वादी द्वारा पूर्व में ही गैस एजेन्सी कार्यालय मे जमा करा दी गई थी। पुलिस की विवेचना तथा प्राप्त साक्ष्यों के आधार पर वादी के साथ किसी भी प्रकार की लूट की घटना का होना नहीं पाया गया। वादी द्वारा झूठी एफआईआर दर्ज करवाने के सम्बन्ध मे वादी के विरूद्व कानूनी कार्यवाही की जा रही है।

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