नये ‘हिट एंड रन’ कानून के विरोध में ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स का चक्का जाम

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देहरादून : नए साल 2024 का पहला दिन ट्रको के साथ ही बसों की हड़ताल के कारण आम यात्रियों की परेशानी का कारण बन गया है। उत्तराखंड के साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में ट्रक व रोडवेज बसों के चालक चक्का जाम कर प्रदर्शन कर रहे हैं। ऑल इंडिया ट्रक चालक संगठन ने 1 जनवरी से 3 जनवरी तक हड़ताल का ऐलान किया है।
केंद्र सरकार द्वारा लाये जा रहे हिट एंड रन के नए कानून को लेकर कई राज्यों में ट्रक ड्राइवरों और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स द्वारा चक्काजाम किया जा रहा है। नए कानून के विरोध में उत्तराखंड, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और यूपी के ड्राइवरों ने चक्काजाम करना शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार द्वारा सड़क हादसों पर नियंत्रण करने के लिए संशोधित कानून में बदलाव किया जा रहा है। ड्राइवर इस कानून को लाने का विरोध कर रहे हैं। दरअसल, इंडियन पीनल कोड- 2023 में हुए संशोधन के बाद एक्सीडेंट होने पर ड्राइवर को दस साल की सजा और सात लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। केंद्र सरकार द्वारा सड़क हादसों पर नियंत्रण करने के लिए ‘हिट एंड रन’ कानून में बदलाव किया जा रहा है।

इस संशोधन का ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने भी विरोध किया है। एआईएमटीसी के अध्यक्ष अमृतलाल मदान ने कहा कि नया नियम आने के बाद भारी वाहन चालक अपनी नौकरियां छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय संहिता 2023 में एक्सीडेंट में दोषी वाहन चालकों को दस साल की सजा का प्रावधान है, जो कि हमारे परिवहन उद्योग को खतरे में डाल रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की सड़क परिवहन बिरादरी भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत हिट एंड रन के मामलों पर प्रस्तावित कानून के तहत कठोर प्रावधानों के संबंध में सहमति नहीं जताती है। एआईएमटीसी के अनुसार, कानून में संशोधन से पहले स्टेक होल्डर्स से सुझाव नहीं लिए गए। प्रस्तावित कानून में कई खामियां हैं। अमृतलाल मदान ने बताया कि देशभर में पहले से ही 25-30 प्रतिशत ड्राइवरों की कमी है। इस तरह के कानून से ड्राइवरों की और कमी बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि ड्राइवरों की परेशानी की तरफ सरकार का ध्यान नहीं है। देश की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान रोड ट्रांसपोटर्स और ड्राइवरों का है। एआईएमटीसी का कहना है कि देश में एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन प्रोटोकॉल का अभाव है। इसके कारण मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो पाती और ड्राइवर को दोषी करार दिया जाता है। दुर्घटनास्थल से भागने की किसी ड्राइवर की मंशा नहीं होती है, लेकिन आसपास जमा भीड़ से बचने के लिए ऐसा करना पड़ता है।
एआईएमटीसी मध्य प्रदेश शाखा के प्रमुख राकेश तिवारी ने कहा कि हमने राष्ट्रीय स्तर के निकाय को अपना समर्थन दिया है। देश में लगभग 95 लाख ट्रकों में से राज्य में लगभग 5 लाख ट्रक हैं जो करोड़ों लोगों के लिए रोजगार पैदा करते हैं। इस तरह का एकतरफा और बिना सोचे-समझे प्रावधान उन्हें हतोत्साहित कर रहा है। उन्होंने कहा कि एआईएमटीसी अगले एक सप्ताह में देशभर में नए प्रावधान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की अपनी आगे की रणनीति तय करेगी। संशोधन के बाद सेक्शन 104 (2) के तहत हिट एंड रन की घटना के बाद यदि कोई आरोपी घटनास्थल से भाग जाता है। पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचित नहीं करता है, तो उसे 10 साल तक की सजा भुगतनी होगी और जुर्माना देना होगा।

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