विकासनगर (सेलाकुई) : देहरादून पौंटा हाईवे पर सेलाकुई में आए दिन यातायात जाम की स्थिति विकराल रूप लेती जा रही है। बुधवार को सेलाकुई में राजावाला रोड से रामपुर गांव के सारना नदी पुल तक लगभग दो किलोमीटर लंबा जाम लगना आम बात हो गई है। रोजाना लोग जाम के झाम से जूझते नजर आते हैं।
सेलाकुई के यातायात को दुरुस्त करने के लिए पहले भी रूट डायवर्ट जैसी योजनाएं बनाई गई, लेकिन सभी धराशाही होती चली गई। वाहनों की लंबी कतारों के बीच फंसे लोग समय से अपने गंतव्य को नहीं पहुंच पा रहे हैं। आमतौर पर स्कूली बच्चो व दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियो का स्कूल व ऑफिस समय से पहुंचना उनके लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। जाम की स्थिति इतनी बदतर हो जाती है कि यदि कोई एंबुलेंस किसी मरीज को लेकर जाती है तो उसको भी रास्ता नहीं मिल पाता।
खासतौर से फार्मा सिटी तिराहे पर, जहां जाम की स्थिति विकट रूप धारण कर लेती है, वहां पुलिस का केवल एक सिपाही उपेंद्र सिंह भंडारी यातायात की व्यवस्था से जूझता नज़र आया।
मुख्य मार्ग पर यातायात बाधित करने वाले कारणो में मुख्य रूप से दुकानदारों द्वारा अस्थाई अतिक्रमण कर लेना भी शामिल है, जिसमें दुकानदार अपने बोर्ड व सामान को फुटपाथ पर सजा लेते हैं। जिससे कि पैदल चलने वालों को जगह नहीं मिल पाती। इंडस्ट्रियल एरिया होने के कारण हल्के व भारी वाहनों से माल की लोडिंग अनलोडिंग भी जाम लगने का कारण बनती है। कुछ भारी वाहन चालक अपने वाहनों को मुख्य मार्ग के किनारे खड़ा कर देते हैं। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। अवैध रूप से चलने वाले ई रिक्शा भी यातायात को बाधित करने में अपना रोल बखूबी निभाते हैं। अधिकतर ई रिक्शा चालक अप्रशिक्षित व नाबालिग हैं जो कि सड़क पर कहीं भी सवारी बिठाने व उतारने के लिए ई रिक्शा को सड़क के बीच में रोक देते हैं। जिससे दुर्घटनाओं का डर बना रहता है। सुबह 8:00 से 9:00 तक वह शाम को 5:00 से रात 8:00 तक कंपनियों में आने जाने वाले श्रमिकों एंव कर्मचारियों का आने-जाने का समय होता है। खासतौर पर सुबह शाम में जाम की स्थिति और भी विकराल रूप ले लेती है। अब देखने वाली बात यह है कि कब तक आम जनता व स्कूली बच्चे जाम के झाम से जूझते रहेंगे या फिर आम जनमानस को इस समस्या से निजात मिल पाएगी।