देहरादून (बिलाल अंसारी) :- सावन लगने के बाद से उत्तराखंड में बारिश ने तबाही मचा रखी है। बारिश का क़हर है जो थमने का नाम नहीं ले रहा है। कुमाऊं के बाद अब गढ़वाल मंडल में भी आफत की बारिश शुरू हो गई है। जिससे पहाड़ का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिले में गुरुवार रात से ही मूसलाधार बारिश हो रही है। रुद्रप्रयाग में जहां भारी बारिश के बाद पुल डूबने और टूटने का मामला सामने आया है। वहीं मसूरी में भी बारिश ने जमकर कहर बरपाया है। पिछले दिनों मसूरी में भूस्खलन के कारण कोतवाली मसूरी में खड़े वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए थे।
राजधानी देहरादून में भी दो दिन पहले 24 जुलाई को भारी बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर आ गए थे। देहरादून में कई इलाकों में नदी और नालों का पानी घुस गया था। सड़कों पर पानी का सैलाब सा आ गया था। उत्तराखंड की अधिकतर नदियों का रौद्र रूप देखकर लोग सहमे हुए हैं।
उत्तरकाशी जिले के यमुनोत्री इलाके में भी 25 जुलाई की देर रात को बादल फटने से जमकर तबाही हुई है। बादल फटने से आया पानी का सैलाब अपने साथ सब कुछ बहाकर ले गया। इस सैलाब में कई गाड़ियां भी बह गई हैं। हालांकि कई घरों में मलबा घुस गया है।
बादल फटने के बाद यमुनोत्री मंदिर के आसपास काफी मात्रा में पानी के साथ बड़े-बड़े बोल्डर भी आए हैं। इसके अलावा जानकी चट्टी के पास मंदिर की ही एक बिल्डिंग को काफी नुकसान पहुंचा है।
गंगा और यमुना नदियां जल स्तर बढ़ने के कारण उफान पर हैं। पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश के कारण गंगा और यमुना के साथ-साथ तमाम नदियों का जल स्तर बढ़ गया है। जिससे मैदानी इलाकों में नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क किया गया है। मौसम विभाग की माने तो फिलहाल बारिश से राहत मिलने के कोई आसार नजर नहीं आ रहे है। ऋषिकेश में गंगा खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है।
पुलिस प्रशासन द्वारा आम जनता से अनावश्यक रूप से पहाड़ों की यात्रा न करने को भी कहा जा रहा है।