एक और तो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गोवर्धन पूजा पर गौ माता की पूजा कर प्रदेश वासियों की खुशहालि की कामना कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर गोवर्धन पूजा पर भी निराश्रित गोवंश को संरक्षण नहीं मिल पा रहा है।
गौरतलब है कि गाय के प्रति श्रद्धा प्रकट करने के लिए गौ माता की पूजा कर गोवर्धन पूजा या अन्नकूट का त्यौहार मनाया जाता है।
इसे विडंबना ही कहा जाएगा की सरकारी कागजों में गोवंश संरक्षण के लंबे चौड़े दावे किए जाते हैं। लेकिन देहरादून जिले में गोवंश निराश्रित बेसहारा घूम रहा है। जिसको संरक्षण की बेहद जरूरत है। शायद ही कोई ऐसी सड़क या गली होगी जहां पर निराश्रित गोवंश दिखाई ना दे। गौशालाओं में भी इस गोवंश को जगह नहीं मिल पा रही है। नवंबर के पहले सप्ताह में ही विकासनगर क्षेत्र में एक गाय से टकराकर एक 28 वर्षीय युवक अरमान की मौत हो गई थी। लेकिन प्रशासन लगातार होने वाले हादसों के बाद भी गोवंश संरक्षण पर कार्य नहीं कर रहा है। ऐसा नहीं है कि आम जनता ही दुर्घटनाओं का शिकार होती है, बल्कि ये बेजुबान पशु भी दुर्घटनाओं का शिकार होते रहते हैं। जिनकी सुध लेने वाला कोई भी अधिकारी देहरादून में मौजूद नहीं है। न जाने अभी कितने लोगों की जान जोखिम में डालकर ये अधिकारी नींद से जागेंगे और इन निराश्रित पशुओं को आश्रय मिल पाएगा।