देहरादून (प्रेमनगर)
प्रेमनगर थाना क्षेत्र में चार दिन पूर्व नहर से एक पुरुष और एक महिला के शव मिलने से प्रेमनगर इलाके में दहशत फैल गई थी। इस सनसनीखेज मामले का दून पुलिस ने पर्दाफाश कर लिया है व आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
दरअसल इस महिला पूरी वह पुरुष की मौत डूबने के कारण नहीं बल्कि अज्ञात वाहन के टकराने से हुई थी। कहते हैं कि अपराधी कितना भी शातिर क्यों ना हो कोई ना कोई सबूत छोड़ ही जाता है। पुलिस वाहन के एक छोटे से पुर्जे के जरिए आरोपी तक पहुंच गई। जिसने महिला व पुरुष की मौत के राज़ से पर्दा उठाते हुए अपना जुर्म कबूल कर लिया।
दरअसल बीती 26 नवंबर को थाना वसंत विहार पुलिस को सूचना मिली थी कि क्षेत्र में दरू चौक से आगे परवल रोड के किनारे नहर में एक महिला व पुरुष के शव पड़े हैं। सूचना पर तत्काल पुलिस मौके पर पहुंची। मृतकों की पहचान संदीप मोहन धस्माना (उम्र 40 वर्ष) पुत्र मदन मोहन धस्माना निवासी अम्बीवाला, थाना वसंत विहार, देहरादून व मृतक महिला हेमलता (उम्र लगभग 37 वर्ष) पत्नी सुनील निवासी पीताम्बरपुर, थाना वसंत विहार, देहरादून के रूप में हुई। पुलिस ने दोनों शवों का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भिजवा दिया।
इस सनसनीखेज मामले को सुलझाने के लिए पुलिस कप्तान अजय सिंह द्वारा एक पुलिस टीम का गठन किया गया पुलिस टीम ने लगभग 150 सीसी टीवी कैमरो की फुटेज चेक की और लगभग 200 लोगों से पूछताछ की। इसके अलावा घटनास्थल पर वाहन का छोटा सा पार्ट मिलने पर भी काम किया। पुलिस टीम की कड़ी मेहनत के बाद उस वाहन को चिन्हित कर लिया गया। वाहन चालक से जानकारी करने पर ज्ञात हुआ कि वह लोडर द्वारा आसपास के क्षेत्र में दूध सप्लाई करता है। घटना के दिन वाहन की हेडलाइट खराब होने व कोहरा होने के कारण सड़क पर जा रहे एक पुरुष व महिला की उससे टक्कर हो गई। टक्कर लगने के बाद महिला सड़क किनारे नहर में जा गिरी व पुरुष सड़क पर गिर गया। पुलिस कार्यवाही से बचने के लिए आरोपी चालक ने पुरुष को भी घसीट कर नहर में फेंक दिया और वहां से रफू चक्कर हो गया। पुलिस ने आरोपी चालक शाहरुख पुत्र शाहिद निवासी ग्राम रसूलपुर बेहट को गिरफ्तार कर लिया तथा वाहन संख्या [UK07CD 0554] को कब्जे में ले लिया। आरोपी वाहन चालक को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया। पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल ने पुलिस टीम को उक्त मामले का खुलासा करने पर 10000 रूपए के नगद पुरस्कार की घोषणा की।
इस सनसनीखेज मामले की गुत्थी सुलझाने वाली पुलिस टीम में थानाध्यक्ष वसंत विहार महादेव प्रसाद उनियाल, वरिष्ठ उप निरीक्षक कमल सिंह रावत, उपनिरीक्षक अजय रावत, कांस्टेबल अमित रावत, कांस्टेबल संजय राणा, कांस्टेबल शार्दुल विक्रम, कांस्टेबल गौरव कुमार, हेड कांस्टेबल दीपक सिंह, उपनिरीक्षक चिंतामणि मैठानी कोतवाली देहरादून, कांस्टेबल धीरेंद्र, कांस्टेबल दीप प्रकाश, कांस्टेबल रविंद्र टम्टा के अलावा एसओजी टीम से उप निरीक्षक लोकेंद्र बहुगुणा एसओजी प्रभारी देहरादून, व कांस्टेबल नरेंद्र एसओजी देहरादून की टीम का योगदान रहा।