नई दिल्ली (डॉ बिलाल अंसारी) : एक जून से लागू होने वाले नियम के अनुसार अब सरकारी ऑफिस में ड्राइविंग टेस्ट देना जरूरी नहीं है। अब आप किसी भी प्राइवेट ड्राइविंग स्कूल में जाकर गाड़ी चलाने का टेस्ट दे सकते हैं। अगर आप भी नया ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना चाह रहे हैं तो यह खबर आपके काम की है। अब ड्राइविंग लाइसेंस (DL) बनवाना पहले के मुकाबले काफी आसान हो जायेगा। नया नियम लागू होने के बाद डीएल बनवाने की लंबी और पेचीदा प्रक्रिया से राहत मिलने वाली है। अभी डीएल बनवाने के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाने के साथ ढेर सारे फॉर्म भी भरने पड़ते हैं।
डीएल बनवाने में होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े मौजूदा नियमों में बदलाव का ऐलान किया है। नए नियम लागू होने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने का प्रोसेस काफी आसान होने की उम्मीद है।
अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए कम दस्तावेजों की जरूरत होगी। आपको सिर्फ उसी गाड़ी के हिसाब से कागज लाने होंगे जो आप चलाना सीखना चाहते हैं। यानि कि दोपहिया या चार पहिया। इससे आरटीओ (RTO) ऑफिस में चक्कर काटने की जरूरत भी कम हो जाएगी।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के नए नियमों का मुख्य उद्देशय प्रदूषण को कम करना है। इसके लिए सरकार 9 लाख पुराने सरकारी वाहनों को हटाने जा रही है और गाड़ियों से निकलने वाले धुएं के लिए सख्त नियम लागू किए जाएंगे। स्पीड लिमिट क्रॉस करने पर 1000/ से 2000/ रुपये के बीच जुर्माना लगाया जाएगा। नाबालिगों के गाड़ी चलाते हुए पकड़े जाने पर 25,000 / रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और उनके व्हीकल का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं वे 25 साल की उम्र तक लाइसेंस नहीं बनवा सकेंगे।
ड्राइविंग स्कूल के पास कम से कम एक एकड़ जमीन होनी चाहिए। इसके अलावा चार पहिया गाड़ियों की ट्रेनिंग के लिए दो एकड़ जमीन होने की जरूरत है। स्कूल में गाड़ी चलाने का टेस्ट लेने की उचित व्यवस्था होनी भी आवश्यक है। गाड़ी चलाने की ट्रेनिंग देने वाले (ट्रेनर) के पास 10वीं कक्षा के प्रमाणपत्र के साथ ही पांच साल गाड़ी चलाने का अनुभव होना ज़रूरी है। उसे बायोमीट्रिक्स और आईटी सिस्टम चलाने की जानकारी भी होनी चाहिए।
छोटी गाड़ियां (LMV) के लिए 4 हफ्तों में 29 घंटे की ट्रेनिंग, जिसमें 8 घंटे थ्योरी और 21 घंटे गाड़ी चलाने की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग शामिल है। वहीं बड़ी गाड़ियां (HMV) के लिए 6 हफ्ते में 38 घंटे की ट्रेनिंग और 8 घंटे थ्योरी व 31 घंटे गाड़ी चलाने की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग शामिल है। नए नियम यह तय करने के लिए बनाए गए हैं कि प्राइवेट ड्राइविंग स्कूलों में गाड़ी सीखने वाले नए ड्राइवरों को अच्छी ट्रेनिंग मिले और वे सड़क पर सुरक्षित रूप से गाड़ी चला सकें।