उत्तराखड में गरीबों, पीड़ितों और शोषित की आवाज़ उठाएगा गठबंधन
देहरादून। संविधान बचाव गठबंधन की और से गुरुवार को एक प्रेसवार्ता आयोजित की गई, जिसमें हल्द्वानी में हुए दंगों की न्यायिक जांच कराने और दंगे में जिन लोगों की जान-माल का नुकसान हुआ है उनको उचित मुआवजा दिये जाने की मांग की गई।
गुरुवार को प्रेस क्लब में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए संविधान बचाव गठबंधन के वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान में देश-प्रदेश में हालात किस तरह के हैं और लगातार गरीब पीड़ित शोषित लोगों के उत्पीड़न की शिकायतें आती रहती हैं जिसको लेकर कई सारे संगठन काम कर रहे हैं, इन्हीं हालात को देखते हुए उत्तराखंड में विभिन्न राजनीतिक दलों के मुख्य नेताओं और सिविल सोसाइटी के लोगों ने एक गठबंधन का निर्माण किया है जिसका उद्देश्य संविधान में हमें दिए गए अधिकारों को संरक्षित करना और प्रदेश में एकता अखंडता और लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुदृढ़ करना है। इस गठबंधन का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में कहीं पर भी किसी भी समुदाय के लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन को लेकर संघर्ष करना है और अन्याय के खिलाफ लड़ाई को लोकतांत्रिक तरीके से लड कर न्याय दिलाना है। बिना किसी भेदभाव के यह गठबंधन सभी पीड़ितों और शोषित लोगों के लिए काम करेगा। साथ ही समय-समय पर सामने आने वाले मुद्दों पर अपना पक्ष भी रखेगा। संविधान बचाव गठबंधन आज दो महत्वपूर्ण मांग रखता है, नंबर एक हल्द्वानी में हुए दंगों की न्यायिक जांच होनी चाहिए, दूसरा दंगे में जिन लोगों की जान-माल का नुकसान हुआ है उनको उचित मुआवजा मिलना चाहिए। भविष्य में इस तरह के देंगे ना हो इसके लिए सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए।
प्रेस वार्ता में कांग्रेस नेता नजमा खान, याकूब सिद्दीकी, ताहिर अली, आम आदमी पार्टी से आजाद अली, समाजवादी पार्टी से गुलफाम अली, फुरकान कुरैशी, सीपीएम से कमरुद्दीन, यूकेडी से लताफत हुसैन, उत्तराखंड बार काउंसिल की पूर्व अध्यक्ष रजिया बेग, प्रेस एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष इफ्तिखार त्यागी, राव नसीम, मकबूल हसन अंसारी, आसिफ कुरेशी, फारूक अहमद, रईस फातिमा, कमरुज्जमा, डॉ. सलीम अंसारी, हाजी नूर हसन व अब्दुल रज्जाक आदि मौजूद रहे।