विकासनगर (सहसपुर) : विकासनगर की सड़कों पर खेती-बाड़ी में उपयोग होने वाले ट्रैक्टर ट्राली नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। इन ट्रैक्टर ट्रालियों को ईंट, खनन सामग्री, कबाड़ के अलावा मजदूरों के आवागमन के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा है। उत्तराखंड में बाहरी प्रदेशों से आकर कुछ ट्रैक्टर ट्राली ईंट व खनन सामग्री आदि ओवरलोड भरकर रोड पर फर्राटा भरते हैं। इसके अलावा श्रमिकों को भी ट्रैक्टर ट्रालियों में भरकर मजदूरी के लिए ले जाना आम बात है। प्रशासन द्वारा ऐसे वाहनों पर कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई जाती। शहरों में तो यह स्थिति कम नज़र आती है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में यह नजारा बड़े पैमाने पर देखने को मिलता है। कई बार हो चुके बड़े हादसो के बावजूद ना तो आम जनता सचेत हो रही है। और नहीं अधिकारी कोई सख्ती बरत रहे हैं। ऐसे में यह लापरवाही कभी भी खुशियों को मातम में बदल सकती है। कार्रवाई के नाम पर परिवहन विभाग व पुलिस प्रशासन चंद वाहनों का चालान कर खाना पूर्ति कर देता है।
आजकल ट्रैक्टर ट्रालियों में दुर्घटनाओं से काफी जनहानि हो रही है और ट्रैक्टर ट्राली वाले इनमें 40 से 50 लोगों को बैठाकर हाईवे पर दौड़ते दिखाई देते हैं। इन ट्रैक्टर ट्रालियों में सुरक्षा के नाम पर ना तो रिफ्लेक्टर हैं ना ही कोई अन्य सुरक्षा के मानक हैं। दूसरे प्रदेशों से आने वाले ट्रैक्टर ट्राली भी लाखों रुपए रोज का रोड-टैक्स चोरी कर उत्तराखंड सरकार को चपत लगा रहे हैं। ट्रैक्टर ट्रालियों से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में सैकड़ो की तादाद में लोग हर साल जान गवा देते हैं। अक्सर देखने में आया है कि नियमों की अनदेखी ही इन हादसों का कारण बन रही है। ट्रैक्टर ट्रालियों के डिजाइन की अगर बात की जाए तो उन्हें कृषि उपज अन्य सामान ले जाने के लिए तैयार किया जाता है, सवारी ले जाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की जाती। ट्रालियों में बैक लाइट और रिफ्लेक्टर का भी ध्यान नहीं रखा जाता। ट्रैक्टरों के ब्रेकिंग सिस्टम बहुत ही धीमा होता है। ट्रैक्टर के ब्रेक लगाने पर कुछ मीटर तक दूर जाकर ब्रेक लगते हैं। ओवरलोड ट्रैक्टर के पहिए आगे से ऊपर उठ जाते हैं और चालक का ट्रैक्टर पर कंट्रोल नहीं रहता जो कि राहगीरों की जान के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
ओवरलोड फर्राटा भरने वाले ट्रैक्टर ट्रालियों पर प्रशासन को कार्यवाही अमल में लानी चाहिए। ताकि आम जनता की जान को जोखिम में डालने से बचाया जा सके और दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।