देहरादून : उत्तराखंड के देहरादून से दर्दनाक खबर है। यहां गुलदार का आतंक थम नहीं रहा है। गुलदार ने एक दस साल के मासूम को शिकार बना लिया। जिसमें मासूम की मौत हो गई है। घटना के बाद से क्षेत्र में दहशत है। स्थानीय लोगों में आक्रोश है। घटना के बाद मौके पर वन विभाग और पुलिस की टीमें गुलदार को पकड़ने के लिए कांबिंग में जुट गई है। बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
मिली जानकारी के अनुसार घटना किमाड़ी मार्ग पर गल्जवाड़ी गांव की है। बताया जा रहा है कि यहां रविवार करीब साढ़े आठ बजे एक मासूम शौच के लिए अपने घर से बाहर आया था। इसी बीच गुलदार बच्चें को उठाकर ले जाने लगा। बच्चों ने शोर मचाया तो मौके पर अन्य लोग पहुंचे और गुलदार की ओर भागे। गुलदार बच्चे को ज्यादा दूर नहीं ले जा पाया था कि लोगों ने बच्चे को गुलदार के जबड़ों से छुड़ा लिया। लेकिन, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। जिससे मौके पर कोहराम मच गया।
स्थानीय लोगों ने पुलिस को मामले की सूचना दी। सूचना के बाद मौके पर कैंट थाना पुलिस और वन विभाग की टीम पहुंची। बस्ती में बच्चे की मौत से कोहराम मच गया। घटना के बाद से क्षेत्र में दहशत है। पुलिस और वन विभाग की टीम गश्त में जुटी हैं। बच्चे के शव को ले जाने को ले कर बस्तीवासियों ने देर रात जमकर हंगामा किया। पुलिस के साथ झड़प की भी सूचना है। बच्चे के शव को देर रात मोर्चरी में रखवाया गया। शव का सोमवार को पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।
गौरतलब है कि करीब एक माह से संतला देवी, गलज्वाड़ी समेत आसपास के क्षेत्र में गुलदार की चहलकदमी की सूचना मिल रही थी। जिस पर वन विभाग की रेस्क्यू टीम और मालसी वन रेंज की टीम लगातार गश्त कर रही थी, लेकिन गुलदार पकड़ में नहीं आया और अब ये घटना हो गई।
गुलदार की दहशत के बीच लोगों से सावधानियां बरतने की अपील की गई है :-
आवासीय परिसर एवं गौशालाओं के चारों ओर झाड़ियां एवं घास को साफ करवा दें।
परिसरों एवं गौशालाओं के चारों ओर रात्रि में रोशनी रखें।
गुलदार देखे जाने की स्थिति में घबराएं नहीं और अफवाहों पर ध्यान ना दें।
पालतू पशुओं के वास स्थल के पास सुरक्षा बाड लगायें।
गुलदार के घायल किए जाने पर तत्काल 108 को सूचित करें।
वन क्षेत्र व गुलदार प्रभावित क्षेत्रों में यथासंभव समूह में ही आवागमन करें।
शाम अथवा रात्रि के समय अकेले ना निकले।
घर से निकलना हो तो उचित रोशनी का प्रबंध करें तथा समूह में ही बाहर निकलें।
रात्रि के समय छोटे बच्चों को अकेला ना छोड़े।